क्यूँ आया हैं इस दिल में
इस बार ,
दिल के अरमान ना जाने
क्यूँ कह रहे यहीं बात
इस बार ,,
खयालूँ की मंजिल तलाश
रहीं हैं आप ही को तोह
हर बार ,
खुदा ने दी हैं आपको
शकल सूरत ऐसी
जिससे करते हैं हम
आप का ही बस आप ही
का इंतज़ार खवाबूं
में हर बार ,,
बस एक बार उस रूप
का दीदार करादे ,,
यही दुआ दुआ हम
करते हैं अपने खुदा
बार बार बार बार,,,,,,
अमीन्न्न्न
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