Friday, January 28, 2011

ना जाने क्यूँ

ना जाने क्यूँ मरने के बाद भी ,
आज जीने  का ख़्वाब आ गया ,,
ना जाने आज क्यूँ इस लाश के अन्दर ,
साँसों का एहसास आ गया ,,
ना जाने क्यूँ अब इस तन्हाईयों में,
ज़िन्दगी जीने का एहसास आ गया ,,
ना जाने क्यूँ आज इस छाँव में भी ,
आँखों के आगे तस्वीर के रूप में
      सूरज आ गया ,,
ना जाने क्यूँ जख्मों  इस सूखेपन को भरने,
प्यार का सागर ना  जाने कहाँ से आ गया ,,
ना जाने क्यूँ इस मन में आज ,
दीवानगी का ख़्वाब आ गया ,,
और ना जाने क्यूँ इस बार

इस दिल में पहली बार ,
नफरत की आग को भुजा कर,,
प्यार के फूल  को  एहसास आ गया ,,,,,,

Friday, January 21, 2011

mauth se badkar kuch nahin


aaaj mauth haamre saath hain ,
hume koi dukh nahin ,,
pyaar toh hume kabhi mila tha hi nahin,
jiske muzhe koi gaam hai hi nahi ,,
yeh bhi koi zindagi hai kya ,
jisme saanse toh naam ki bhi nahin,,
jisse hum pyaaar karte hain,
use toh pyaar ka ehsaas hi nahin,,
baat haar ya jeet ki nahin ,
baat hain vishwas ki
jo is duniya main shayad raha hi nahin ,,
ab naa jaane kyun
aise ehsaas hota hain ki,
maut ki neend se badkar
is duniya main aur kuch nahin
shayad kuch bhi nahin ,,,,

Saturday, January 15, 2011

maut

 maut yahaan n jaane kyun 
kishto main hai aayee,
ik aur adchaan chod kar
hai ab yeh toh gayi ,,
humse milne ka vadaa
isne kal ko kiya to tha ,
par na jaane kyun
aise lagta hain ki
ab ummer bhar ka
INTAZAAR chod kar
yeh chali gayeein hai kahin,,,,,

ek intazaar khavaboon main

मिलने का ख़्वाब ना जाने 
क्यूँ आया हैं इस दिल में
       इस बार ,
दिल के अरमान ना जाने 
क्यूँ  कह रहे यहीं बात 
       इस बार ,,
खयालूँ की मंजिल तलाश 
रहीं हैं आप ही को तोह 
        हर बार ,
खुदा ने दी हैं आपको 
शकल सूरत ऐसी 
जिससे करते हैं हम 
आप का ही बस आप ही 
 का इंतज़ार खवाबूं
        में हर बार ,,
बस एक बार उस रूप 
का दीदार करादे ,,
यही दुआ दुआ हम 
करते हैं अपने खुदा 
बार बार    बार बार,,,,,,  
   अमीन्न्न्न 

Thursday, January 6, 2011

zindagi ab mauth banne waali hain

परीक्षाएं हो रहे हैं  और 
ख़तम होने वाली हैं 
साँसे तोह अभी चल रहीं हैं 
पर ना जाने क्यों ऐसे लगता हैं 
की यह अब कभी भी थमने वाली हैं 
आज तोह हम जिंदा लाश हैं बस 
अब लगता हैं की यह लाश अब कबर 
में तोह जाने ही वालीं हैं 
सूरज की रौशनी को शायद आखरी बार हम देख ले
वरना इके बाद हमें यह किरने हमें  कहाँ देखने वालीं हैं
साथियां अब आखरी वक्तपर गले लग जाओ  
क्यूंकि यह ज़िन्दगी अब 
स्वर्ग से नरक में जाने वाली हैं 
 अपने खुदा को आखरी बार याद कर लो 
कुय्नकी एस के बाद नरक में 
यमदूत से मुलाकत होने वालीं हैं 
 खुदा हाफ़िज़ 

Friday, December 31, 2010

a new year thought

एक नया दोअर अब आयेंगा
एक नयें किरण जगयिएन्गा
काली रात के इस अन्धेरें को
अब एक नयी सुबह मैं बदल कर दिखायेंगा
ईशवर कारें य  नया साल अब पुरानें
सोच को मिटा कर
अब एक नया सुन्हेरा ख़्वाब जगायेएंगा
 
   अमीन्न्न 

Tuesday, December 7, 2010

KHUSH raho

Agar pyaar na mile , toh nafrat pakar khush raho,

Jeena agar bhul gaye toh marne ke khavab se khush raho,
Agar phoolon ke chadar na mile toh pathaar ke raste par khush raho,
Insaniyaat agar bhool gaye ho toh havaniyat ke chole main khush raho,
Roshni na mile toh aandhiyaare se khush raho,
Agar paani na mile toh tezaab pee kar khush raho,
Agar ujala nahi hain toh andhaare se khush raho,
Dost nahi ban sakte toh kaafir banker khush raho,
Agar khud nahi jee sakte toh logo ko marker khush raho,
Agar ghar main shant nahi reh sakte isतो कब्रिस्थान   जाकर  चुप रहो,,