Thursday, January 6, 2011

zindagi ab mauth banne waali hain

परीक्षाएं हो रहे हैं  और 
ख़तम होने वाली हैं 
साँसे तोह अभी चल रहीं हैं 
पर ना जाने क्यों ऐसे लगता हैं 
की यह अब कभी भी थमने वाली हैं 
आज तोह हम जिंदा लाश हैं बस 
अब लगता हैं की यह लाश अब कबर 
में तोह जाने ही वालीं हैं 
सूरज की रौशनी को शायद आखरी बार हम देख ले
वरना इके बाद हमें यह किरने हमें  कहाँ देखने वालीं हैं
साथियां अब आखरी वक्तपर गले लग जाओ  
क्यूंकि यह ज़िन्दगी अब 
स्वर्ग से नरक में जाने वाली हैं 
 अपने खुदा को आखरी बार याद कर लो 
कुय्नकी एस के बाद नरक में 
यमदूत से मुलाकत होने वालीं हैं 
 खुदा हाफ़िज़ 

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