ख़तम होने वाली हैं
साँसे तोह अभी चल रहीं हैं
पर ना जाने क्यों ऐसे लगता हैं
की यह अब कभी भी थमने वाली हैं
आज तोह हम जिंदा लाश हैं बस
अब लगता हैं की यह लाश अब कबर
में तोह जाने ही वालीं हैं
सूरज की रौशनी को शायद आखरी बार हम देख ले
वरना इके बाद हमें यह किरने हमें कहाँ देखने वालीं हैं
साथियां अब आखरी वक्तपर गले लग जाओ
क्यूंकि यह ज़िन्दगी अब
स्वर्ग से नरक में जाने वाली हैं
अपने खुदा को आखरी बार याद कर लो
कुय्नकी एस के बाद नरक में
यमदूत से मुलाकत होने वालीं हैं
खुदा हाफ़िज़
No comments:
Post a Comment